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राजस्थान का भूगोल : राजस्थान का भौतिक स्वरूप 

राजस्थान के भौतिक स्वरूप को चार भागों में बांटा गया है ।

  1. पश्चिम मरुस्थलीय प्रदेश,  61.11% भाग पर जिसमें 40% जनसंख्या निवास करती हैं |
  2. पूर्वी मैदानी भाग 23% भाग पर जिसमें 39% जनसँख्या निवास करती है | 
  3. दक्षिण पूर्वी पठारी  प्रदेश, 6.89 प्रतिशत भाग पर जिसमें 11% जनसंख्या निवास करती है | 
  4. अरावली पर्वतीय प्रदेश 9% भाग पर जिसमें 10% जनसंख्या निवास करती है |

1. पश्चिम मरुस्थलीय प्रदेश :👉

  • पश्चिमी मरुस्थलीय  प्रदेश को थार के  मरुस्थल के नाम से जाना जाता है |
  • थार का मरुस्थल सहारा के मरुस्थल का ही विस्तार है | 
  • थार का मरुस्थल राजस्थान की 175000 वर्ग  किलोमीटर में फैला हुआ है,  डॉक्टर एच एम सक्सेना के अनुसार  | 
  • पश्चिमी मरुस्थली प्रदेश राजस्थान के 12 जिलों में फैला हुआ है | 
  • इन 12 जिलों में चार अंतरराष्ट्रीय जिले हैं, श्री गंगानगर, जैसलमेर, बीकानेर और बाड़मेर,
  • 6 अर्द्धशुष्क जिले  सीकर, चुरु, झुन्झनू ( शेखावाटी ) और   जालौर पाली, नागौर (जापान )अर्द्धशुष्क जिले में आते हैं।
  • अरावली पर्वतीय प्रदेश और दक्षिणी पूर्वी पठारी भाग  गोंडवाना लैंड के अवशेष हैं ।  
  • राजस्थान का उत्तर पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश और पूर्व के मैदान टैथिस  महासागर के अवशेष हैं 
  • थार के मरुस्थल में माइकाशिष्ट  चट्टाने  पाई जाती है, जल के सम्पर्क  में आने से जल इनमें से खारा  लवण केषाकर्षण विधि से  ऊपर आएगा, इस क्रिया से सोडियम क्लोराइड बनता है, जिससे  पानी खारा हो जाता है | इसिलिये मरुस्थल में पानी खारा पाया जाता है | 
  • 🪶थार के मरुस्थल में वर्षा 20 से 50 सेंटीमीटर होती है | 
  • 🪶अरावली का वृष्टि छाया  प्रदेश होने के कारण दक्षिण पश्चिम मानसून यहाँ पर बहुत कम वर्षा कर पाता हैं | 
  • 🪶मिट्टी रेताली बलुई मिट्टी पाई जाती है |
  • 🪶राजस्थान में सर्वाधिक वायु अपरदन जैसलमेर में होता है | 
  • 🪶थार के मरुस्थल की  ढाल  उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम की ओर है |

✍️25 सेंटीमीटर सम वर्षा थार के मरुस्थल को दो भागों में विभाजित करती हैं |
1. अर्द्धशुष्क रेतीला प्रदेश
2. शुष्क रेतीला प्रदेश 

 अर्द्धशुष्क रेतीला प्रदेश व  शुष्क रेतीला प्रदेश को हम विस्तार से अलग अलग पोस्ट में जानेगे | 

 

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